आगाज़ की कुछ हमे न खबर
अंजाम की न कोई है फिकर चलता हूँ यारों मैं अपनी डगर
यूँही ढलते रहते हैं शामों ए सहर
ये हवा यहाँ से जो बह के गयी है
कानो में मेरे, कुछ कह सी गयी है
किसी ने धडकनों का संदेशा है भेजा
बात है जो दिल में वो रह सी गयी है
ये हवा यहाँ से जो बह के गयी है
कानो में मेरे, कुछ कह सी गयी है
किसी ने धडकनों का संदेशा है भेजा
बात है जो दिल में वो रह सी गयी है
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