उसकी आँखों में मुझे दिखता अब वो प्यार नहीं
क्यूँ है लगता ये उसे मुझ पे अब ऐतबार नहीं
हर राह साथ चलने के किये थे वादे हमने
ऐसे भूला की उसे याद भी अब वो करार नहीं
उसका साथ देने को नया कारवां मिल गया होगा
ऐसा लगता है उसे मेरे साथ की अब दरकार नहीं
साथ हैं गुज़ारे हमने इतने खुशनुमां लम्हें
कैसे ये दिल भला कह दे कि अब वो मेरा यार नहीं