हर साँस में तेरी खुशबू महसूस करता हूँ मैं
गर तू कहे इक बार तो साँस लेना भी छोड़ दूं
तेरी नज़र के ऐतबार पे काट दी ये ज़िन्दगी
तू नज़रें तो फेर ले अपनी आंखें फोड़ दूं
यूँ तो दिल के बचपने से तंग हैं हम बहुत
पर ये इतना भी नादाँ नहीं की इसे यूँ तोड़ दूं
तेरे रास्तों पे कदम खुद बा खुद मुड़ते रहे
ना हो तुझको गवारा तो अपनी हर राह मोड़ दूं
इश्क़ किया है तुझसे पर बदले में ना कुछ माँगा
तू माँग के तो देख तेरे लिए ये इश्क़ भी मैं छोड़ दूं
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