नया साल नयी उमंग ...नयी ख्वाहिशों की नयी तरंग
नया वक़्त है नया हर पल ..अरमानों की नयी फसल
आशाओं ने खोले नए पर ...मंज़िल नयी वही हमसफ़र
राहें नयी नए रहगुजर ...बेफिक्री में भी रखी सबकी खबर
अब तक जो ना पाया उसे पाने की आरज़ू है
जो कुछ भी है अपना उसे संजोने की जुस्तज़ू है
ab tak jo nahi paya wo zaroor paya jayega...
ReplyDeletevery nice
जी बिलकुल
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