Wednesday, January 5, 2011

अंदाज़-ए-बयाँ

कभी  दिल  बहलाने  का  मन  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
कोई  नया  किस्सा सुनाने  का  दिल  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
दुनिया  में  वक़्त  कहाँ  है  किसी  के  पास  फिर  भी 
नए  दोस्त  बनाने  का  दिल  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
यूँ  तो  अब  नींद  से  भी  मुलाकात  कम  ही  होती  है 
ख़्वाब  नए  सजाने  का  मन  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
मंज़िल  पाने  की  तमन्ना  दिल  में  भर  रखी  है 
 वक़्त  राहों  पे  बिताने  का  मन  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
ना  जाने  कितनी  ख्वाहिशे, हसरतें  पाल  रखी  हैं 
एहसास  यूँ  जताने  का  मन  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
रोज़  ही  खुशियों और  गम  से  भेंट  होती  रहती  है 
दोस्तों  से  जताने  का  दिल  किया  तो  यहाँ  आ  गए 
चाहता  हूँ  सभी  मिलजुल  के  रहे, नेक  बने 
 इंसानियत  निभाने  का  मन  किया  तो  यहाँ  आ  गए 

Tuesday, January 4, 2011

Happy New Year 2011

नया  साल  नयी  उमंग ...नयी  ख्वाहिशों  की  नयी  तरंग 
नया  वक़्त  है  नया  हर  पल ..अरमानों  की  नयी  फसल 
आशाओं  ने  खोले  नए  पर ...मंज़िल  नयी  वही  हमसफ़र 
राहें  नयी  नए  रहगुजर ...बेफिक्री  में  भी  रखी सबकी  खबर 
अब  तक  जो  ना  पाया  उसे  पाने  की  आरज़ू  है 
जो  कुछ  भी  है  अपना  उसे  संजोने  की  जुस्तज़ू  है