Saturday, March 13, 2010

तूफानों को आने दो, हम को है कोई डर नहीं .
मौजों पे है मचलना, निकाल ली है  कश्तियाँ.
लगाने दो जोर आँधियों को, साहिल के पार जाना है.
बस लहरें है और पाल है, अब कस  ली हैं मुट्ठियाँ.
खतरों से अब यूँ खेलना आदत में अपनी शुमार है.
डर भला किस बात का, हिम्मत हम में बेशुमार है .

Thursday, March 11, 2010

DOST...!!!

आँखों  में  गहरे  उतर  कर  तो  देखो, दो  पल  को  उनमे ठहर  कर  तो  देखो
छिपा  है  जो  दिल  में  नज़र  आएगा  फिर, न  कोई  दबा  राज़  बच  पायेगा  फिर
राज़-ए - दिल  यूँ ही  बताये  नहीं  जाते, भूली   यादों  के  किस्से  सुनाये  नहीं  जाते
यूँ  दिल की  गहराइयों  में  रहते  दफ़न  ये, मगर  धड़कनों से  छिपाए  नहीं  जाते
दोस्त  दिल  की  धड़कन  होते  हैं, दोस्त  साँसों  की  कम्पन  होते  हैं
दोस्तों  से  भला  क्या   छिपाना, दोस्त  तो  अटूट से   बंधन  होते  हैं

Wednesday, March 10, 2010

Ek Sawaal...???

आज  बगल  में  यादों की  एक  खाट  पड़ी  है
न  जाने  क्यूँ  नींद  इन  आँखों  से  दूर  खड़ी  है
खुशियों  और  गम  की  कसमसाहट  सी  हो  रही  है
शान्त  से  सोये  इस  दिल  में  क्यूँ  बेचैनी  बड़ी  है
" कैसी  यादें  हैं मेरे   ज़ेहन  में  ख़ल रही  हैं
  कैसी  बेचैनी  की  आग  सी साँसों में जल रही  हैं
  कैसी  ख्वाहिशें इन   आँखों  में  पल रही  हैं
  कैसी  शाम ये  इस  दिल  की  यूँही  ढल रही  है
  कैसी शाम   है  ये  राह  की  परछाई  संग  न  चल रही  है
  कैसी  मार  है  वक़्त  की  खुद  रूह  ही  अब  छल रही  है
  क्यूँ  खुशियों  के  दौर  अब  नहीं  मिलते  हैं
  क्यूँ  उम्मीदों  के  फूल  अब  नहीं  खिलते  हैं
  क्यूँ  आँखों  के  दर्द  अब  नहीं  पिघलते  हैं
  क्यूँ  पलको  में  कैद  ख़्वाब  अब  नहीं  मचलते  हैं
क्यूँ  नज़रों  में  अपनापन  सा  अब  दिखता  नहीं
क्यूँ  कोई  अब  अमन  चैन  पे  कुछ  लिखता  नहीं
क्यूँ  बिना  मतलब  के  कोई  किसी  से  मिलता  नहीं
क्यूँ  कोई  ज़ख्म  दूसरों  के  अब  सिलता  नहीं
क्यूँ  दूजे  की  मदद  को  यह  हाथ  हिलाते  नहीं
क्यूँ  अर्थी  को  भी  अब  कंधे  मिलते  नहीं
क्यूँ खामोश  हो जाती है जुबां सच  कहने में
क्यूँ बेबस से हो जाते हैं हम अन्याय सहने में

Monday, March 8, 2010

Ehsaas...!!!


ये  हवा  जो  बह  के  गयी  है 
कानों  में मुझ  से कुछ  कह  के  गयी  है 
किसी  ने  धडकनो  का  संदेशा  है  भेजा 
बात  थी  जो  दिल  में  रह  के  गयी  है |

फिर  से तम्मनाओ  के  पर  फड़फड़|ने लगे,
 फिर  से  वो  बीते  से पल  याद  आने  लगे 
उम्मीदों  की  लौ  जली,  फिर से  एक   रौशनी  सी  हुई, 
फिर  से  सुनहरे  से  ख़्वाब  छाने  लगे |

Saturday, March 6, 2010

DIL... Kambakht


दिल  की  बातों  में  आने  से  ही  है  फ़ायदा 
दिल  को  कुछ  भी  समझाने  से  क्या  फ़ायदा 
दिल  को  आये  पसंद  जो,  दिल  करेगा  वही 
दिल  को  यूँही  बहलाने  से  क्या  फ़ायदा 
जिद्द  पे  आ  जाये  अपनी  तो  ना  किसी  की  सुने 
दिल  को  कुछ  भी  बताने  से  क्या  फ़ायदा 
वो  सही  है  गलत  है  नहीं  कुछ  फर्क  इसको  
दिल  को  एहसास   जताने   का   क्या  फ़ायदा 

main aur chand

मैंने छूना चाहा था  जो  चाँद  को, चाँद  ने  कहा  ज़रा  ठहर अभी
रात  है  अभी  तो  पूरी  जवां, आ  रहा  है  तारों  को  नज़र  सभी
बादलों  के  छाने  का  करो  जतन, वक़्त  बाकी  होने  में  सहर  अभी
क्यूँ  भला  हो  यूँ  उतावले  से  तुम, रात  के  नशे  का  है  असर  अभी
    मैंने  बोला  चाँद आँख  बंद  कर, आएगा  न  कुछ  तुझे  नज़र  अभी
    बादलों  के  इंतज़ार  में  कहीं, बीत  जाये  यूँ न ये  पहर  सभी
    तारों  की  हमे  भला  क्यूँ  हो  फिक्र, उनको  आएगा  नहीं  नज़र  कभी
    वो  भला  किसी  से भी कहेगे कैसे , जाएंगे  वो  टूटकर  बिखर  अभी

Salaah...

दूरियाँ  कितनी भी  हो  पर  फासला  न  होने  दीजिये, राह  कितनी  भी  हो  कठिन  हौसला  न  खोने  दीजिये
मंज़िल  मिले  न  मिले  राहों  पे  चलते  जाईये , ख़्वाब  भी  यूँ  देखिये  की  आँखें  न  सोने  दीजिये
हमसफ़र  न  हो  भले  पर  हमराज़  होने  चाहिए ,इस  मासूम  दिल  को  यूँ  न  तन्हा,  दर्द  ढोने  दीजिये
दिल  के  जज्बातों  को  दिल  में  दबा  कर  क्या  फ़ायदा ,शब्दों  की  दे  परवाज़  उनको, नगमे  पिरोने  दीजिये
यादें  कैसी  भी  हो  एहसास  रखती  है  साथ  वो , बीते  पल  को  कर  के  याद,  पलकें  भिगोने  दीजिये .
वक़्त कैसा  भी  हो  गुजरा  न  किसी  से  शिक़वे   गिले ,गम  की  न  कोई  हो  जगह,  बस  खुशियाँ  सजोने  दीजिये .