Wednesday, July 31, 2013

Teacher

sochta tha main kya likhoon, kaise kahoon I was in deep thought, what I say, what I write par aapki visheshtaon par, chup bhala kaise rahoon But in the sake of your merits, how can I be silent jab agyanta ke andhkar ne hamko daraya, when the darkness of tab ban gyan ka sooraj, hamko raah dikhaya then you became the Sun of wisdom and aapne ban path pradarshak, gyan ki nayi raah dikhayi aapne ho margdarshak yukti jeene ki sikhayi aapki shalinata aur sadgi ka nit matra bhi karen anusharan manav ban jaye ham gyan ke is prakash punj ki kuchh kirane jo sokhen to apna jeevan safal aur dhanya kar jayen ham suraj jaisa tez aap me chanda jaisi shalinata taron jaisa gyan hai faila,, bachchon jaisi chanchalata, thoda kadak thoda naram, pita tulya aapka vyavhar hai kabhi mitravat kabhi putravat, dil me hamare liye pyar hai jab bhi kathnayio ki dhoop ne hame tha jhulsaya hamne vat ki bhanti aapko sada paas tha paaya haste gate padhte, tali bajate, hamne enjoy fulldam kiya sach kahen to aapki hi class me khul ke jiya aaj college me pal aakhiri, aapko vida karte hain ham dil dravit hai man bhari hai, palakein hui hain hamari nam ham bachche aapko sada na bhool payege sir zindagi ke utar chadhav me aap sada yaad aayege sir manjil ko aur kareeb layi, aapki dikhayi raah ne kayi mushkilon se hamko ubara, aapki di salaah ne aapki yeh batein, yadein saath rahegi har pal sada college se to kar rahe, par dil se karege na vida ham ye kamna karte hain ki ham pe sada aapka aashirvad rahe aur dil se ye dua ye dete hain ki aapka jeevan khushiyon se abad rahe* सोचता था मैं क्या लिखूं , कैसे कहूं पर आपकी विशेषताओं पर ,चुप भला कैसे रहूँ जब अज्ञानता के अंधकार ने हमको डराया , तब बन ज्ञान का सूरज , हमको राह दिखाया आपने बन पथ प्रदर्शक , ज्ञान कि नयी राह दिखाई आपने हो मार्गदर्शक युक्ति जीने कि सिखाई आपकी शालीनता और सादगी का नित मात्र भी करें अनुशरण मानव बन जाये हम ज्ञान के इस प्रकाश पुंज कि कुछ किरणे जो सोखें तो अपना जीवन सफल और धन्य कर जाएँ हम सूरज जैसा तेज़ आप में चंदा जैसी शालीनता तारों जैसा ज्ञान है फैला ,,बच्चों जैसी चंचलता , थोडा कड़क थोडा नरम ,पिता तुल्य आपका व्यवहार है कभी मित्रवत कभी पुत्रवत , दिल में हमारे लिए प्यार है जब भी कठनायियो कि धूप ने हमें था झुलसाया हमने वट कि भांति आपको सदा पास था पाया हँसते गाते पढ़ते , ताली बजाते , हमने एन्जॉय फुल्दम किया सच कहें तो आपकी ही क्लास में खुल के जिया आज कॉलेज में पल आखिरी , आपको विदा करते हैं हम दिल द्रवित है मन भरी है ,पलकें हुई हैं हमारी नाम हम बच्चे आपको सदा ना भूल पायेगे सर ज़िन्दगी के उतार चढाव में आप सदा याद आयेगे सर मंज़िल को और करीब लायी , आपकी दिखाई राह ने कई मुश्किलों से हमको उबर , आपकी दी सलाह ने आपकी यह बातें , यादें साथ रहेगी हर पल सदा कॉलेज से तो कर रहे , पर दिल से करेगे ना विदा हम ये कामना करते हैं कि हमपे सदा आपका आशीर्वाद रहे और दिल से ये दुआ ये देते हैं कि आपका जीवन खुशियों से आबाद रहे -- Prashant (Sunny) Singh -- Prashant (Sunny) Singh *

Teacher

sochta tha main kya likhoon, kaise kahoon I was in deep thought, what I say, what I write par aapki visheshtaon par, chup bhala kaise rahoon But in the sake of your merits, how can I be silent jab agyanta ke andhkar ne hamko daraya, when the darkness of tab ban gyan ka sooraj, hamko raah dikhaya then you became the Sun of wisdom and aapne ban path pradarshak, gyan ki nayi raah dikhayi aapne ho margdarshak yukti jeene ki sikhayi aapki shalinata aur sadgi ka nit matra bhi karen anusharan manav ban jaye ham gyan ke is prakash punj ki kuchh kirane jo sokhen to apna jeevan safal aur dhanya kar jayen ham suraj jaisa tez aap me chanda jaisi shalinata taron jaisa gyan hai faila,, bachchon jaisi chanchalata, thoda kadak thoda naram, pita tulya aapka vyavhar hai kabhi mitravat kabhi putravat, dil me hamare liye pyar hai jab bhi kathnayio ki dhoop ne hame tha jhulsaya hamne vat ki bhanti aapko sada paas tha paaya haste gate padhte, tali bajate, hamne enjoy fulldam kiya sach kahen to aapki hi class me khul ke jiya aaj college me pal aakhiri, aapko vida karte hain ham dil dravit hai man bhari hai, palakein hui hain hamari nam ham bachche aapko sada na bhool payege sir zindagi ke utar chadhav me aap sada yaad aayege sir manjil ko aur kareeb layi, aapki dikhayi raah ne kayi mushkilon se hamko ubara, aapki di salaah ne aapki yeh batein, yadein saath rahegi har pal sada college se to kar rahe, par dil se karege na vida ham ye kamna karte hain ki ham pe sada aapka aashirvad rahe aur dil se ye dua ye dete hain ki aapka jeevan khushiyon se abad rahe* सोचता था मैं क्या लिखूं , कैसे कहूं पर आपकी विशेषताओं पर ,चुप भला कैसे रहूँ जब अज्ञानता के अंधकार ने हमको डराया , तब बन ज्ञान का सूरज , हमको राह दिखाया आपने बन पथ प्रदर्शक , ज्ञान कि नयी राह दिखाई आपने हो मार्गदर्शक युक्ति जीने कि सिखाई आपकी शालीनता और सादगी का नित मात्र भी करें अनुशरण मानव बन जाये हम ज्ञान के इस प्रकाश पुंज कि कुछ किरणे जो सोखें तो अपना जीवन सफल और धन्य कर जाएँ हम सूरज जैसा तेज़ आप में चंदा जैसी शालीनता तारों जैसा ज्ञान है फैला ,,बच्चों जैसी चंचलता , थोडा कड़क थोडा नरम ,पिता तुल्य आपका व्यवहार है कभी मित्रवत कभी पुत्रवत , दिल में हमारे लिए प्यार है जब भी कठनायियो कि धूप ने हमें था झुलसाया हमने वट कि भांति आपको सदा पास था पाया हँसते गाते पढ़ते , ताली बजाते , हमने एन्जॉय फुल्दम किया सच कहें तो आपकी ही क्लास में खुल के जिया आज कॉलेज में पल आखिरी , आपको विदा करते हैं हम दिल द्रवित है मन भरी है ,पलकें हुई हैं हमारी नाम हम बच्चे आपको सदा ना भूल पायेगे सर ज़िन्दगी के उतार चढाव में आप सदा याद आयेगे सर मंज़िल को और करीब लायी , आपकी दिखाई राह ने कई मुश्किलों से हमको उबर , आपकी दी सलाह ने आपकी यह बातें , यादें साथ रहेगी हर पल सदा कॉलेज से तो कर रहे , पर दिल से करेगे ना विदा हम ये कामना करते हैं कि हमपे सदा आपका आशीर्वाद रहे और दिल से ये दुआ ये देते हैं कि आपका जीवन खुशियों से आबाद रहे -- Prashant (Sunny) Singh -- Prashant (Sunny) Singh *

Teacher

sochta tha main kya likhoon, kaise kahoon I was in deep thought, what I say, what I write par aapki visheshtaon par, chup bhala kaise rahoon But in the sake of your merits, how can I be silent jab agyanta ke andhkar ne hamko daraya, when the darkness of tab ban gyan ka sooraj, hamko raah dikhaya then you became the Sun of wisdom and aapne ban path pradarshak, gyan ki nayi raah dikhayi aapne ho margdarshak yukti jeene ki sikhayi aapki shalinata aur sadgi ka nit matra bhi karen anusharan manav ban jaye ham gyan ke is prakash punj ki kuchh kirane jo sokhen to apna jeevan safal aur dhanya kar jayen ham suraj jaisa tez aap me chanda jaisi shalinata taron jaisa gyan hai faila,, bachchon jaisi chanchalata, thoda kadak thoda naram, pita tulya aapka vyavhar hai kabhi mitravat kabhi putravat, dil me hamare liye pyar hai jab bhi kathnayio ki dhoop ne hame tha jhulsaya hamne vat ki bhanti aapko sada paas tha paaya haste gate padhte, tali bajate, hamne enjoy fulldam kiya sach kahen to aapki hi class me khul ke jiya aaj college me pal aakhiri, aapko vida karte hain ham dil dravit hai man bhari hai, palakein hui hain hamari nam ham bachche aapko sada na bhool payege sir zindagi ke utar chadhav me aap sada yaad aayege sir manjil ko aur kareeb layi, aapki dikhayi raah ne kayi mushkilon se hamko ubara, aapki di salaah ne aapki yeh batein, yadein saath rahegi har pal sada college se to kar rahe, par dil se karege na vida ham ye kamna karte hain ki ham pe sada aapka aashirvad rahe aur dil se ye dua ye dete hain ki aapka jeevan khushiyon se abad rahe* सोचता था मैं क्या लिखूं , कैसे कहूं पर आपकी विशेषताओं पर ,चुप भला कैसे रहूँ जब अज्ञानता के अंधकार ने हमको डराया , तब बन ज्ञान का सूरज , हमको राह दिखाया आपने बन पथ प्रदर्शक , ज्ञान कि नयी राह दिखाई आपने हो मार्गदर्शक युक्ति जीने कि सिखाई आपकी शालीनता और सादगी का नित मात्र भी करें अनुशरण मानव बन जाये हम ज्ञान के इस प्रकाश पुंज कि कुछ किरणे जो सोखें तो अपना जीवन सफल और धन्य कर जाएँ हम सूरज जैसा तेज़ आप में चंदा जैसी शालीनता तारों जैसा ज्ञान है फैला ,,बच्चों जैसी चंचलता , थोडा कड़क थोडा नरम ,पिता तुल्य आपका व्यवहार है कभी मित्रवत कभी पुत्रवत , दिल में हमारे लिए प्यार है जब भी कठनायियो कि धूप ने हमें था झुलसाया हमने वट कि भांति आपको सदा पास था पाया हँसते गाते पढ़ते , ताली बजाते , हमने एन्जॉय फुल्दम किया सच कहें तो आपकी ही क्लास में खुल के जिया आज कॉलेज में पल आखिरी , आपको विदा करते हैं हम दिल द्रवित है मन भरी है ,पलकें हुई हैं हमारी नाम हम बच्चे आपको सदा ना भूल पायेगे सर ज़िन्दगी के उतार चढाव में आप सदा याद आयेगे सर मंज़िल को और करीब लायी , आपकी दिखाई राह ने कई मुश्किलों से हमको उबर , आपकी दी सलाह ने आपकी यह बातें , यादें साथ रहेगी हर पल सदा कॉलेज से तो कर रहे , पर दिल से करेगे ना विदा हम ये कामना करते हैं कि हमपे सदा आपका आशीर्वाद रहे और दिल से ये दुआ ये देते हैं कि आपका जीवन खुशियों से आबाद रहे -- Prashant (Sunny) Singh -- Prashant (Sunny) Singh *

Saturday, February 12, 2011

आज़माईश-ए-दौर

 
बस  इंतज़ार  है  उस  सुबह  का,  जो  देर  सबेर  ही  सही  लेकिन  आएगी जरूर 
कितने  ही  गम  दर्द  दे  ये  वक़्त  हमें ..ख़ुशी  की  कोई किरण  भी  लाएगी जरूर 
यूँ दूर है ख़ुशी हमसे गर तो कोई तो वजह होगी, कभी तो ये घडी हमें बताएगी जरूर 
यूँ कब तलक हार  का दौर चलेगा बिन लड़े, कभी कोई तो बाज़ी हमें आज़माएगी  जरूर 
 
वो जीत का मंजर जो आँखों में ख़्वाब बन बैठा है, एक मौका तो  मिले ज़रा हकीकत में ढाल देंगे
वक़्त की आजमाईश की ख्वाहिश हो जाये बस पूरी, फिर तूफान से भी हम कश्ती निकाल लेंगे 

सुकूं


आवारा  से  बहके  कदम  कब  कहाँ  मुड़  जाये, खबर  कहाँ 
बंद  मुट्ठी  में  है  धुवां  भरा  कब  उड़  जाये, फिकर  कहाँ 
पतझर में  बिखरते  पत्तों  का  ढेर  समेटना  क्या 
फिर  हवा  के  झोंकों  में  ना  बिखरेगा, ये  शुकर  कहाँ 
इतनी  बातें  करती  हैं  ये  राहें  आजकल  मुझसे 
छोड़  इन्हें  किसी  मंज़िल  से  जुड़  जाये  ऐसी  कोई  ठहर  कहाँ 
ख्वाब  में  डूबी  ये  खुशनुमा  बेख़ौफ़  ज़िन्दगी,
ख़्वाब  यूँ  तोड़  के  उठ  जाएँ  ऐसी  कोई  हसीन  पहर  कहाँ 

राह  चलते  हुए  इतनी  राहत  का  गुमाँ  होता  है 
मंजिलो  को  पा के   भी  ऐसा  सुकूं  कहाँ  होता  है 

आरज़ू


कभी  चाँद  छूने  की  तमन्ना  रखी, कभी  सूरज  को  मुट्ठी  में  भरने  की  ख्वाहिश 
कभी  बादलों  संग  लुका  छिपी  का  ख़्वाब,  कभी  तारों  से  मिल  बतियाने  की  आज़माईश 
कभी  ख्यालों  में  लहरों  से  अठखेलियाँ  करना, कभी  चांदनी  के  सागर  में  डुबकियाँ  लगाना 
कभी  मन  में  आशाओं  के  ताने  बाने   बुनना, कभी  उम्मीद  की  हर  किरण  को  सवारना सहेजना 
ज़िन्दगी  के  हर  लम्हें  में  पूरी  ज़िन्दगी  जीने  का  जज्बा  है, वक़्त  को  थाम  रखने  का  हौसला  भी  है 
बस  इक  ज़रा  किस्मत  की भी  इनायत  हो  जाये, बुलंदियां  चूमेगी  कदम  इस  बात  का  यकीन  है  हमें 

दिल को यूँ बहला लेता हूँ मैं


शाम  के  ढलते  ही  आँखों  तले, यादों  के  दिए  जला  लेता  हूँ 
बीते  लम्हों  की  पनाह  में, अपनी तन्हाई  को  भुला  लेता  हूँ 
वो  प्यारी  बातें, वो  चाँद  मुलाकातें , अब  भी  हसीन  लगती  हैं 
 उन  खुशहसीन  पलों  में  डूब  कर , इस  दिल  को  बहला  लेता  हूँ 
कई   ख्वाहिशे , तमन्नाएं  जो  ना  पूरी  हो सकी, हैं  ज़ेहन  में  मेरे 
हकीक़त  की  मुश्किलों  से  दूर  होके,  उन्हें  ख्वाबों  में  बुला  लेता  हूँ 
वो  खुशनुमा दौर  ओझल  ना  हो  जाये  कहीं  ज़ेहन  से  यूँ  फिसल  के 
इसीलिए  साँझ  ढलते  ही  उन्हें  आँखों  में छिपा  पलकों  को  सुला  लेता  हूँ