कभी चाँद छूने की तमन्ना रखी, कभी सूरज को मुट्ठी में भरने की ख्वाहिश
कभी बादलों संग लुका छिपी का ख़्वाब, कभी तारों से मिल बतियाने की आज़माईश
कभी ख्यालों में लहरों से अठखेलियाँ करना, कभी चांदनी के सागर में डुबकियाँ लगाना
कभी मन में आशाओं के ताने बाने बुनना, कभी उम्मीद की हर किरण को सवारना सहेजना
ज़िन्दगी के हर लम्हें में पूरी ज़िन्दगी जीने का जज्बा है, वक़्त को थाम रखने का हौसला भी है
बस इक ज़रा किस्मत की भी इनायत हो जाये, बुलंदियां चूमेगी कदम इस बात का यकीन है हमें
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