आँखों में गहरे उतर कर तो देखो, दो पल को उनमे ठहर कर तो देखो
छिपा है जो दिल में नज़र आएगा फिर, न कोई दबा राज़ बच पायेगा फिर
राज़-ए - दिल यूँ ही बताये नहीं जाते, भूली यादों के किस्से सुनाये नहीं जाते
यूँ दिल की गहराइयों में रहते दफ़न ये, मगर धड़कनों से छिपाए नहीं जाते
दोस्त दिल की धड़कन होते हैं, दोस्त साँसों की कम्पन होते हैं
दोस्तों से भला क्या छिपाना, दोस्त तो अटूट से बंधन होते हैं
Thursday, March 11, 2010
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