Monday, March 8, 2010

Ehsaas...!!!


ये  हवा  जो  बह  के  गयी  है 
कानों  में मुझ  से कुछ  कह  के  गयी  है 
किसी  ने  धडकनो  का  संदेशा  है  भेजा 
बात  थी  जो  दिल  में  रह  के  गयी  है |

फिर  से तम्मनाओ  के  पर  फड़फड़|ने लगे,
 फिर  से  वो  बीते  से पल  याद  आने  लगे 
उम्मीदों  की  लौ  जली,  फिर से  एक   रौशनी  सी  हुई, 
फिर  से  सुनहरे  से  ख़्वाब  छाने  लगे |

No comments:

Post a Comment