ज़िन्दगी है चार दिन की ,हर ख़ुशी है चार दिन की
खुशियों की ये बहती नदी है ,पी लो जितना पी सकते हो
चाँद लम्हें है यहाँ बस ,जी लो जितना जी सकते हो
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
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